31 साल पुराने नाबालिक बेटी की हत्या मामले में सासाराम के कोर्ट ने फैसला सुनाया ।फैसला सुनते ही आरोपी की जमीन खिसक गई। आरोपी ने अपनी ही खुद की नाबालिक पुत्री की हत्या के आरोप में मां तथा मृतक लड़की के मौसा को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार 6 अप्रैल 1993 को अकोढीगोला थाना क्षेत्र में धनक्षरी कुमारी नामक 17 वर्षीय युवती की गोली मारकर हत्या कर साक्ष्य छुपाने के लिए उसे मिट्टी के अंदर गाड़ दिया गया था।
लंबे जांच पड़ताल एवं ट्रायल के बाद 31 सालों के उपरांत इस मामले में फैसला आया है तथा एडीजे– 2 के कोर्ट ने मृतक धनक्षरी कुमारी की सगी मां संगौरी देवी तथा उसके मौसा हरिनारायण सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
इस संबंध में अपर लोक अभियोजक हुसैन इजहार अंसारी ने बताया कि संगौली देवी कि उसके जीजा हरिनारायण सिंह के साथ अवैध संबंध था। जिसकी जानकारी पुत्री धनक्षरी को लग गई थी। ऐसे में अपने अवैध संबंध को छिपाने के नियत से संगौली देवी तथा उसके बहनोई हरिनारायण सिंह ने मिलकर धनक्षरी की गोली मारकर हत्या कर दिया तथा साक्ष को छुपाने के लिए उसे मिट्टी में दफन कर दिया था।
लंबे ट्रायल के बाद अंतत: मृतक संगौली देवी तथा मृतक की मौसी हरिनारायण सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।